मंत्र का अर्थ है: किसी चीज को बार—बारदोहराना। यह सूत्र कह रहा है: चित्त ही मंत्र है—चित्त मंत्र:। यह कहता है, औरकिसी मंत्र की जरूरत नहीं;
अगर तुम चित्त को समझ लो तो चित्त की प्रक्रियाही पुनरुक्ति है। तुम्हारा मन कर क्या रहा है जन्मों—जन्मों से—सिर्फ दोहरा रहा है।
सुबह से सांझ तक तुम करते क्या हो—रोज वही दोहराते हो, जो तुमने कल किया था, जो परसों किया था,
वहीतुम आज कर रहे हो; वही तुम कल भी करोगे, अगर न बदले। और तुम जितना वही करते जाओगे उतनी ही पुनरुक्ति प्रगाढ होती जायेगी और तुम झंझट में इस तरह फंस जाओगे कि बाहर आना मुश्किल हो जायेगा।
लोग मेरे पास आते हैं और कहते हैं कि सिगरेट नहीं छूटती। सिगरेट मंत्र बन गयी है। उन्होंने इतनी बार दोहराया है—दिन में दो पैकेट पी रहे है। इसका मतलब हुआ कि चौबीस बार दोहरा रहे है; बीस बार दोहरा रहे हैं, बार—बार दोहराया है और सालों से दोहरा रहे है;
आज अचानक छोड़ देना चाहते हैं। लेकिन जोचीज मंत्र बन गयी, उसको अचानक नहीं छोड़ाजा सकता। तुम छोड़ दोगे इससे क्या फर्क पड़ता है;
पूरा मन मांग करेगा। पूरा शरीर उसको दोहरायेगा। वह कहेगा—चाहिए। उसी को तुम तलफ कहते हो। तलफ का मतलब हुआ कि जिस चीज को तुमने मंत्र बना लिया,
उसे अचानक छोड़ना चाहते हो—यह नहीं हो सकता। तलफ का मतलब है किजो चीज मंत्र बन गयी है, उसके विपरीत मंत्र से तोड़ना होगा।
रूस में पावलव ने इस पर बहुत काम किया। और पावलव अकेला आदमी है, जिसने तलफ वालेमरीजों को ठीक करने में सफलता पायी।
अगर आप सिगरेट पीने के रोगी हो गये हैं छोड़ना चाहते हैं और नहीं छूटती तो पावलव मंत्र का प्रयोग करता था। उसके मंत्र जरा तेज थे।
वह आपको सिगरेट देगाऔर जैसे ही आप सिगरेट हाथ में लेंगे, आपको बिजली का शाक लगेगा; झनझना जायेगीपूरी तबीयत, सिगरेट हाथ से छूट जायेगी।
ऐसा सात दिन आपको पावलव भरती रखेगा अपने अस्पताल में और जब भी आप सिगरेट पियेंगे, तब बिजली का शाक लगेगा।
सात दिन में मंत्र सिगरेट से ज्यादा गहरा हो जायेगा। सिगरेट का नाम ही सुनकर आपको कंपकंपी आने लगेगी। पीने का रस तोदूर, एक वैराग्य का उदय हो जायेगा।
पावलव ने हजारों मरीज विपरीत मंत्र से ठीक किये। और पावलव कहता है कि जो लोग भी आदतों से ग्रस्त हो गये हैं,
जब तक उनको विपरीत आदतें न दी जायें, जो पहली आदत से ज्यादा मजबूत हों तब तक कोई छुटकारा नहीं।
शिव–सूत्र–प्रवचन–4चित्त के अतिक्रमण के उपाय—(प्रवचन—चौथा)
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