खुदा ईश्वर भगवान और भी बहुत नाम है उसकेकहते तो है कि तु रहता हर जगह है फिर तुझे मन्दिर मस्जिद गिरिजा मे ही ढुडते क्यु है
कहते तो है तु एक है बे नाम हैफिर तेरे इतने नाम क्यु हैकहते तो है तु प्रेम स्वरुप हैपर तेरे ही नाम पे इतना खुन खराबा क्यु है
कहते तो है तु रहता है हर एक के अन्दर फिर भी तुझे पाने कि इतनी जद्दो जहत क्यु है
कोइ भुका रहके तुझे मना रहा है
कोइ बिन पिय पानीईश्वर तो भाओ मे बसते है फिर क्यु रचे गय
मन गडत काहनी
Osho
No comments:
Post a Comment