तू था पशु उस भीम ने इंसान बना दिया!
देकर धम्म की दीक्षा तुझे दयावान
बना दिया!
शिक्षा के खोलकर द्वार तुझे विद्वान
बना दिया!
तू था दरिद्र उस भीम ने महान बना दिया !
तेरी सुरक्षा के लिए सन्विधान बना दिया !
तेरे स्वाभिमान का हर सामान बना दिया !
फिर तुमने उस युग पुरुष का अहसान भुला दिया!!
दिल से जय भीम ॥
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