डो. बाबासाहेब अम्बेडकर जब पहलीगोलमेज सम्मेलन मे हिस्सा लेने गये थे
तब उनके साथ सयाजीराव गायकवाडऔर उनकी पत्नी भी साथ मे गये थे।जब गोलमेज सम्मेलन मे बाबासाहेब ने बढ़िया अंग्रेजी मे बोलनाशुरू किया तो सब अंग्रेज और बाकी केलोग जो गोलमेज सम्मेलन का हिस्साथे वो सब चौक्कने रह गये।
और बाबासाहेब को ऐसी बढ़ियाअंग्रेजी मे बोलते हुये सुनकर सयाजीराव गायकवाड़ ने अपनी पत्नीको कहा कि मैंने जो डो. अम्बेडकर कोस्कॉलरशिप दी थी वो डा. अम्बेडकर नेवसूल कर दी।
मुजे गर्व है कि मैंने ऐसे विध्यार्थीको स्कॉलरशिप दी जो ऐक दिन विश्वका महापुरुष बनेगा।साथियों बाबासाहेब को जोस्कॉलरशिप सयाजीराव गायकवाड ने दीथी वो बाबासाहेब ने वसूल कर दी थी।पर हमें जो स्कॉलरशिपबाबासाहेब ने दिलायी है उसे हम नेवसूल कि है??
क्या आज हम लोग डा.बाबासाहेब अम्बेडकर के चित्र केसामने खड़े होकर के बाबासाहेब केचित्र के आंखो मे आंखे डालकर ये कहसकते है कि बाबासाहेब आपने जो हमेंस्कॉलरशिप दिलवाई है वो हमनेसामाजिक काम और सामाजिक क्रांतिकरके वसूल कर दी है।
अगर नहीं कह सकते तो अभी भीवक़्त है अपना सामाजीक दायित्वसमझों और उसे निभावो।
जय भीम।
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