NEWS UPDATE

Blogger Tips and TricksLatest Tips And TricksBlogger Tricks

Wednesday, 6 April 2016

"जीवन का लक्ष्य क्या है?? यह प्रश्न तो बहुत सीधा-सादा मालूम पड़ता है।

"जीवन का लक्ष्य क्या है??
यह प्रश्न तो बहुत सीधा-सादा मालूम पड़ता है।

लेकिन शायद इससे जटिल और कोई प्रश्न नहीं है। औरप्रश्न की जटिलता यह है कि इसका जो भी उत्तरहोगा वह गलत होगा।

इस प्रश्न का जो भी उत्तरहोगा वह गलत होगा। ऐसा नहीं कि एक उत्तर गलतहोगा और दूसरा सही हो जाएगा। इस प्रश्नके सभीउत्तर गलत होंगे। क्योंकि जीवन से बड़ी और कोईचीज नहीं है।

जो लक्ष्य हो सकें।जीवन खुद अपना लक्ष्य है। जीवन से बड़ीऔर कोईबात नहीं है जिसके लिए जीवन साधन हो सकें औरजो साध्य हो सकें। और सारी चीजों के तो साध्यऔर साधन के संबंध हो सकते हैं।

जीवन का नहीं,जीवन से बड़ा और कुछ भी नहीं है। जीवन ही अपनीपूर्णता में परमात्मा है। जीवन ही, वह जो जीवंतऊर्जा है हमारे भीतर। वह जो जीवन है पौधों में,पक्षियों में, आकाश में, तारों में, वह जो हम सबकाजीवन है।

वह सबका समग्रीभूत जीवन ही तोपरमात्मा है। यह पूछना कि जीवन का क्यालक्ष्यहै, यही पूछना है कि परमात्मा का क्या लक्ष्य है।

यह बात वैसी ही है जैसे कोई पूछे प्रेम का क्यालक्ष्य है। जैसे कोई पूछे आनंद का क्यालक्ष्य है। आनंदका क्या लक्ष्य होगा, प्रेम का क्या लक्ष्य होगा,जीवन का क्या लक्ष्य होगा।"

- ओशो

No comments:

Post a Comment