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Saturday, 19 March 2016

★★भाई-बहन या निकट सम्बन्धियों में विवाह..★★★★★★ ..न करने का वैज्ञानिक कारण ★★★★ मां - बेटे का संबंध या बेटी और बाप का संबंध अवैज्ञानिक है।

★★भाई-बहन या निकट सम्बन्धियों में विवाह..★★★★★★ ..न करने का वैज्ञानिक कारण ★★★★

मां - बेटे का संबंध या बेटी और बाप का संबंध अवैज्ञानिक है।

उससे जो बच्चे पैदा होंगे वे अपंग होंगे, लंगड़े - लूले होंगे, बुद्धिहीन होंगे। इसका कोई धर्म से संबंध नहीं है।

यह सत्य दुनिया के लोगों को बहुत पहले पता चल चुका है। सदियों से पता रहा है। विज्ञान तो अब इसका वैज्ञानिक रूप दे रहा है।

भाई बहन का संबंध भी अवैज्ञानिक है। इसका कोई नैतिकता से संबंध नहीं है। सीधी सी बात इतनी है कि भाई और बहन दोनों के वीर्य कण इतने समान होते हैं कि उनमें तनाव नहीं होता। उनमें खिंचाव नहीं होता।

इसलिए उनसे जो व्यक्ति पैदा होगा, वह फुफ्फुस होगा; उसमें ऊर्जा नहीं होगी। जितने दूर का नाता होगा, उतना ही बच्चा सुंदर होगा, स्वस्थ होगा, बलशाली होगा, मेधावी होगा।

इसलिए फिक्र की जाती रही कि भाई बहन का विवाह न हो। दूर संबंध खोजें जाते है। जिलों गोत्र का भी नाता न हो, तीन-चार पाँच पीढ़ियों का भी नाता न हो।

क्योंकि जितने दूर का नाता हो, उतनाही बच्चे के भीतर मां और पिता के जो वीर्याणु और अंडे का मिलन होगा, उसमें दूरी होगी तो उस दूरी के कारण ही व्यक्तित्व में गरिमा होती है।

~ ओशो ~
(रहिमन धागा प्रेम का, प्रवचन #5)

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